ऐसी फिल्म में काम नहीं करना चाहती हैं भूमि पेडणेकर

Kumari Mausami

भूमि पेडणेकर का कहना है कि वे ऐसी फिल्में नहीं कर सकतीं, जहां एक लड़की को प्रताड़ित किया जा रहा हो और देश उसका जश्न मना रहा हो। उन्होंने एक बातचीत में यह बयान दिया। वे कहती हैं, "मुझे डांस करना पसंद है। मैं आइटम नंबर्स के खिलाफ नहीं हूं। मुझे सीन्स में महिलाओं के बिकिनी पहनने से भी कोई समस्या नहीं है। किसी दिन मैं भी इसे स्क्रीन पर पहनूंगी। लेकिन मैं ऐसा कुछ नहीं करना चाहती, जिनमें महिलाओं को ग्लैमर की वस्तु बना दिया जाता है। आज हीरो या हीरोइन वे इंसान हैं, जो किसी को बेहतर करने के लिए प्रेरित करते हैं। मुझे नहीं लगता कि इसमें इस बात का कोई लेना-देना कि आप कैसे दिखते हो?"



कैसी फिल्मों का हिस्सा नहीं बन सकतीं भूमि?

जब भूमि से पूछा गया कि कोई ऐसी भूमिका है, जो वे कभी नहीं करना चाहेंगी? इसके जवाब में उन्होंने कहा, "मैं ऐसी फिल्मों का हिस्सा नहीं बन सकती, जो महिला विरोधी हों या जो मेरे नैतिक कम्फर्ट से बाहर हों।" भूमि की मानें तो उनका काम सिर्फ मनोरंजन करना नहीं, बल्कि सोसाइटी में योगदान देना भी है। वे कहती हैं, "अगर दर्शक थिएटर्स से बाहर निकलकर कुछ अच्छा करते हैं तो मुझे बहुत खुशी होगी।"



अपने अब तक के किरदारों पर

अपने 5 साल के करियर में भूमि 6 फिल्मों में काम कर चुकी हैं और सभी में उन्होंने अलग-अलग तरह की भूमिका निभाईं। 'दम लगा के हईशा' में वे ओवरवेट लड़की के रोल में दिखीं, 'टॉयलेट : एक प्रेम कथा' में उन्हें हक की लड़ाई लड़ती महिला की भूमिका में दिखाया गया। 'सांड की आंख' में 65 साल की शूटर दादी बनीं तो वहीं 'बाला' में उन्हें डार्क स्किन के साथ दिखाया गया। 



वे कहती हैं, "मेरे लिए हर किरदार चुनौतीपूर्ण हो रहा है और बेहतर एक्ट्रेस बना रहा है। हर बार मैं यही सोचती हूं कि अगला क्या? और कुछ दिलचस्प राइटर्स और डायरेक्टर्स मेरे लिए अलग तरह के रोल लेकर आ जाते हैं। यह तो शुरुआत है। मैं लोगों से कहती फिर रही हूं कि 'सांड की आंख' और 'बाला' मेरी 5वीं और 6ठी फिल्म हैं। मेरी यात्रा अभी छोटी और खूबसूरत है। अभी मुझे बहुत लंबा सफ़र तय करना है।"


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