'बिग बॉस 13' पर लगा अश्लीलता फैलाने का आरोप, बैन करने के लिए लिखा गया पत्र
इस शो को घरेलू माहौल में देखना मुश्किल है और हमारे देश के पुराने पारंपरिक सामजिक और सांस्कृतिक मूल्यों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। टीआरपी और मुनाफे की लालच में 'बिग बॉस' टीवी चैनल के जरिए देश में सामाजिक समरसता को खत्म कर रहा है। जिसे भारत जैसे देश की विविध संस्कृति वाले देश में कतई अनुमति नहीं दी जा सकती है।'' इसी के साथ आगे कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने जावेड़कर ने कहा है कि ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न केवल भारत में, बल्कि उच्चतम विश्व मंचों पर भी देश के सांस्कृतिक मूल्यों की जबरदस्त पैरोकारी कर रहे हैं। इस दृष्टि से इस मामले को तुरंत देखा जाना चाहिए और 'बिग बॉस' के शो पर प्रतिबंध लगाए जाएं।''
वहीं इस पात्र के माध्यम से भरतिया और खंडेलवाल ने कहा, ''शो 'बिग बॉस' हमेशा विवादों में रहा है और इस शो में हमेशा अश्लीलता का बोलबाला रहा है।वनुूीि् लेकिन इस बार के शो में नैतिकता की सारी हदें पार कर दी गई हैं। वर्तमान शो में 'Bed Friend Forever' कॉन्सेप्ट की अवधारणा देश की मूल सांस्कृतिक और सामाजिक भावना एवं फिल्म और टेलीविजन के लिए स्थापित नैतिक मानदंडों के खिलाफ है। इस सीरियल के निर्माता भूल गए हैं कि यह टीवी पर प्राइम टाइम स्लॉट है और जब ये शो प्रसारित होता है, सभी उम्र के लोग शो देखते हैं। इस शो के कंटेंट का स्तर बेहद सस्ता है। इस कारण से इसे किसी भी राष्ट्रीय टीवी चैनल पर प्रसारित नहीं किया जाना चाहिए।''
इसी के साथ आगे भरतिया और खंडेलवाल ने सवाल उठाया है कि ''जब फिल्मों को सेंसर बोर्ड के अधीन किया जाता है तो टीवी सीरियल सेंसर बोर्ड के अधीन क्यों नहीं हो सकते? यदि वे हैं, तो सेंसर बोर्ड ने सीरियल में इस तरह की खुली अश्लीलता, बकवास, सांस्कृतिक उपद्रव और सबसे अधिक अपमानजनक दृश्य और सामग्री को प्रसारित करने की अनुमति कैसे दी?'' इसी के साथ लिखे गए इस पत्र में लिखा है कि ''सलमान खान और निर्माता और निर्देशक के साथ सीरियल में परोसी गई शो के संचालन के लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं, जो इतनी निम्न स्तर की अश्लीलता दिखाते हैं।'' वहीं कैट ने केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर से आग्रह किया है कि ''बिग बॉस 13 पर अंतरिम कदम के रूप में तुरंत प्रतिबंध लगाया जाए. प्रत्येक एपिसोड को सेंसर बोर्ड द्वारा विधिवत प्रमाणित करने के बाद ही प्रसारित करने की अनुमति दी जाए।''