गांधी जयंती पर जम्मू कश्मीर प्रशासन का बड़ा फैसला

Singh Anchala
नयी दिल्ली। गांधी जयंती के अवसर पर जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने जम्मू में कुछ नेताओं की नजरबंदी खत्म कर दी है। जी हां, धारा 370 हटाने के बाद स्थानीय पुलिस ने एहतिहात के तौर पर जम्मू में कई नेताओं को नजरबंद किया था और पूर्व मंत्री और डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी के अध्यक्ष चौधरी लाल सिंह को भी नजरबंद किया था। ऐसे में जम्मू में नजरबंद सभी विपक्षी दलों के नेताओं पर से नजरबंदी हटा दी गई है और जिन नेताओं पर से नजरबंदी हटाई गई है उसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस, पैंथर्स पार्टी के नेता शामिल हैं।


हाल ही में डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी के अध्यक्ष चौधरी लाल सिंह के अलावा जिन नेताओं से नजरबंदी हटाई जा चुकी है, उसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के देवेंद्र राणा और एसएस सालाथिया, कांग्रेस रमन भल्ला और पैंथर्स पार्टी के हर्षदेव सिंह के नाम शामिल हुए हैं। वहीं आपको बता दें कि इन नेताओं को 5 अगस्त से नजरबंद कर लिया था और केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को बड़ा फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा खत्म किया था और राज्य को 2 हिस्से में बांटते हुए अनुच्छेद 370 को भी निष्प्रभावी किया था।


वहीं सरकार ने इस फैसले के साथ ही राज्य के कई विपक्षी नेताओं को नजरबंद भी कर लिया था और अनुच्छेद 370 पर फैसले के बाद स्थानीय पुलिस ने एहतिहात के तौर पूर्व मंत्री और डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी के अध्यक्ष चौधरी लाल सिंह को नजरबंद किया था। आपको पता ही होगा लाल सिंह पहले जम्मू के नेता हैं, जिन्हें नजरबंद किया गया था और चौधरी लाल सिंह को जम्मू के गांधीनगर में उनके सरकारी आवास से निकलने की इजाजत नहीं दी गई। केवल जम्मू ही नहीं कश्मीर के भी कई नेताओं को नजरबंद किया गया था और इन सभी में पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला समेत अन्य नेता शामिल थे. इसी के साथ नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि ''कश्मीर घाटी में लोगों को कैद किया जा रहा है।''


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