राम जन्मभूमि मामले पर सीजेआई ने याद दिलाते हुए कहा, कल सुनवाई का आखिरी दिन है

Gourav Kumar
एक तरफ देश में दिवाली का त्यौहार नजदीक आते जा रहा है वही दूसरी तरफ वर्षों से चले आ रहे राम जन्म भूमि का विवाद सुलझ ही नहीं पा रहा, हालाँकि इन दिनों इस विवाद को अंतिम चरण में पहुंचा दिया गया है और आपकी जानकरी के लिए बता दें की उच्चतम न्यायालय में इस समय राम जन्मभूमि और बबीर मस्जिद विवाद की नियमित सुनवाई हो रही है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली संवैधानिक पीठ इसकी सुनवाई कर रही है। सीजेआई ने कहा, 'आज सुनवाई का 39वां दिन है। कल मामले की सुनवाई का 40वां और आखिरी दिन है।' इससे पहले 26 सितंबर को सीजेआई ने कहा था कि18 अक्तूबर तक हर हाल में सुनवाई पूरी करनी होगी। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने स्पष्ट किया था कि सभी पक्ष समयसीमा में अपनी दलीलें पूरी कर लें। अदालत का कहना है कि हमें फैसला लिखने में चार हफ्ते लगेंगे, इसलिए निर्धारित समय सीमा को बढ़ाया नहीं जा सकता है।


Supreme Court's five-judge Constitution bench, headed by Chief Justice of India (CJI) Ranjan Gogoi, is hearing the Ram Mandir Babri Masjid land (Title) dispute case. CJI says, "Today is 39th day. Tomorrow is 40th day and last day of hearing in the case." pic.twitter.com/DL7tDU7xiu

— ANI (@ANI) October 15, 2019


कानून के जानकारों का मानना है कि दोनों पक्षों को ये न लगे कि सुनवाई के लिए समय बढ़ाया जा सकता है, इसलिए शीर्ष अदालत को एक बार फिर अपनी बात दोहरानी पड़ी थी। सीजेआई ने दोनों पक्षों को स्पष्ट कर दिया है कि जो भी करना है इसी समय सीमा में करना होगा। 26 सितंबर को सुनवाई शुरू होते ही सबसे पहले मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा था कि इस मामले की सुनवाई 18 अक्तूबर तक पूरी होनी जरुरी है, क्योंकि इसके बाद चार हफ्ते में हमें फैसला देना है। यदि हम ऐसा कर पाए तो यह चमत्कार से कम नहीं होगा। बता दें कि मुख्य न्यायाधीश गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में वह चाहते हैं कि इसका फैसला उनके कार्यकाल में आ जाए। पीठ ने हिंदू एवं मुस्लिम पक्षकारों से कहा कि 18 अक्टूबर के बाद एक भी अतिरिक्त दिन नहीं दिया जाएगा। अदालत ने कहा कि अक्तूबर में छुट्टियां हैं और चार हिंदू पक्षकारों के केवल एक वकील को प्रत्युत्तर दलीलें देने की अनुमति दी जाएगी। इससे पहले 18 सितंबर को भी अदालत ने स्पष्ट किया था कि 31 अक्तूबर तक इस हर हाल में सुनवाई पूरी कर लेनी होगी।

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