
दिवाली के बाद 16 गुणा ज्यादा हुआ प्रदूषण
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता का व्यापक डेटा दिखाता है कि दिवाली पर सबसे खतरनाक पॉल्यूटेंट (PM2.5) के स्तर में कैसे तेज बढ़ोत्तरी हुई. दिल्ली में जागरूकता की मुहिम के बावजूद लोगों ने जमकर पटाखे फोड़े और आतिशबाजी की.
रविवार को रात 11 बजे के आसपास आरके पुरम, पटपड़गंज, सत्यवती कॉलेज, जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) अधिकतम 999 के स्तर पर पहुंच गया था, जिसके बाद इसकी रीडिंग करना ही फिलहाल मुमकिन नहीं है. AQI से हवा में मौजूद PM2.5, PM10, सल्फर डाई ऑक्साइड और अन्य पॉल्यूटेंट पार्टिकल्स के कंसन्ट्रेशन लेवल का पता चलता है.
पुराना डेटा बताता है कि दिल्ली की हवा पूरे साल ही प्रदूषित रहती है. लेकिन आसपास के राज्यों में पराली जलाने और दिवाली जैसे त्योहारों पर पटाखे फोड़ने से दिल्ली की हवा में जहर खतरनाक स्तर तक बढ़ जाता है. इससे दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर एक तरह से गैस चैम्बर में बदल जाता है.
धनंजय घई और रेणुका साने जैसे वैज्ञानिकों ने पटाखों से दिल्ली की हवा पर पड़ने वाले बुरे असर का 2012-17 में अध्ययन किया. उनकी ये स्टडी बताती है कि दिवाली से वायु प्रदूषण में छोटी लेकिन आंकड़ों के लिहाज से अहम बढ़ोत्तरी होती है.