महाराष्ट्र में खींचतान के बीच शिवसेना का BJP पर प्रहार, कहा- हमें NDA से निकालने वाले तुम कौन?

Singh Anchala
मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना में खींचतान बढ़ती जा रही है। एनडीए से सारे रिश्ते खत्म करने की खबरों के बीच शिवसेना ने बीजेपी पर एक बार फिर से हमला बोला है। शिवसेना ने अपने मुख्यपत्र सामना के मंगलवार के संपादकीय में एनडीए से बाहर करने को लेकर सवाल किए हैं।


शिवसेना ने अपने संपादकीय में लिखा- 'अगर आपको लगता है कि शिवसेना एनडीए के खिलाफ हो गई है, तो आप इसे एनडीए की बैठकों में क्यों नहीं उठाते? शिवसेना को एनडीए से निकालने वाले आप होते कौन हैं? क्या जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती की पार्टी के साथ गठबंधन करने से पहले बीजेपी ने एनडीए की मंजूरी ली थी? क्या बिहार में नीतीश कुमार के साथ जोड़ी बनाने से पहले एनडीए के दलों से पूछा गया था?'

'सबसे पहले हमने उठाया हिंदुत्व का मुद्दा'

शिवसेना ने हिंदुत्व को लेकर बीजेपी पर तंज कसे. 'सामना' में लिखा गया- 'शिवसेना तब से हिंदुत्व का समर्थन कर रही है, जब किसी पार्टी ने इस मुद्दे को उठाया भी नहीं था। शिवसेना तब से हिंदुत्व को मजबूत करने का काम कर रही है, जब आप में से ज्यादातर पैदा ही नहीं हुए थे।'

एनडीए से शिवसेना की दूरी इतनी क्यों बढ़ी?

शिवसेना ने सवाल किया कि हमें एनडीए से निकालने का निर्णय किस बैठक में और किस आधार पर लिया गया। ये सारा मामला इतनी हद तक क्यों गया? इस पर एनडीए के सहयोगी दलों की बैठक बुलाकर चर्चा के बाद निर्णय हुआ क्या? जिस एनडीए के अस्तित्व को बीते साढ़े सात सालों में धीरे-धीरे नष्ट कर दिया गया, अब कह रहे हैं कि उस एनडीए से शिवसेना को बाहर निकाल दिया। ये अहंकारी और मनमानी राजनीति के अंत की शुरुआत है।

कांग्रेस से हाथ मिलाने पर भी दी सफाई

शिवसेना ने सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के साथ संभावित गठबंधन पर भी सफाई दी है। 'सामना' में लिखा गया, 'भारतीय जनता पार्टी बता रही है कि शिवसेना ने कांग्रेस से हाथ मिलाया है। हम पूछते हैं कि अगर ऐसा होता दिख रहा है, तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की बैठक बुलाकर शिवसेना पर आरोप पत्र क्यों नहीं ठोंका गया।

बीजेपी को खुली चुनौती

शिवसेना ने अपने संपादकीय में बीजेपी को खुली चुनौती देते हुए लिखा कि महाराष्ट्र शिवाजी महाराज और संभाजी राजा का था, है और रहेगा। महाराष्ट्र के कोने-कोने में एक ही आवाज गूंजेगी- 'शिवसेना जिंदाबाद'। किसी में हिम्मत हो, तो उसका सामना करने के लिए हम तैयार हैं।'

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