RBI ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया, रेपो रेट 5.15 फीसदी पर बरकरार
आपको बता दें कि इससे पहले अक्टूबर महीने में आरबीआई ने ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की थी। आरबीआई ने लगातार पांचवीं बार प्रमुख ब्याज दर में कटौती करते हुए इसे 5.15 फीसदी कर दिया था। हालांकि, आरबीआई ने देश की अर्थव्यवस्था में सुस्ती के संकेत देते हुए फिर वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत के आर्थिक विकास दर अनुमान को 6.9 फीसदी से घटाकर 6.1 फीसदी कर दिया था।
अक्टूबर में रिवर्स रेपो रेट को घटाकर 4.90 फीसदी कर दिया गया था। जिसे इस बार भी मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने बरकरार रखा है। आरबीआई ने मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) रेट और बैंक रेट 5.40 फीसदी कर दिया था।
क्या होता है रेपो रेट?
रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है। दरअसल जब भी बैंकों के पास फंड की कमी होती है, तो वे इसकी भरपाई करने के लिए केंद्रीय बैंक यानी आरबीआई से पैसे लेते हैं। आरबीआई की तरफ से दिया जाने वाला यह लोन एक फिक्स्ड रेट पर मिलता है। यही रेट रेपो रेट कहलाता है। इसे भारतीय रिजर्व बैंक हर तिमाही के आधार पर तय करता है।