कर्नाटक में येदियुरप्पा को सत्ता बचाने के लिए चाहिए 6 सीटें, 15 सीटों पर उपचुनाव की मतगणना शुरू

Kumar Gourav

कर्नाटक की 15 विधानसभा सीटों पर 5 दिसंबर को हुए उपचुनाव के नतीजे आज घोषित होंगे। मतगणना 8 बजे शुरू हुई। यह चुनाव भाजपा सरकार के लिए बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि सत्ता बचाने के लिए उसे 6 सीटें जीतनी ही होंगी। कर्नाटक की 224 विधानसभा वाली सीटों में 17 विधायकों को अयोग्य ठहराने के बाद सीटें 207 रह गईं। इस लिहाज से बहुमत के लिए 104 सीटों की जरूरत थी। इसके बाद भाजपा (105) ने एक निर्दलीय के समर्थन से सरकार बना ली थी। लेकिन, उपचुनाव होने के बाद विधानसभा में 222 सीटें हो जाएंगी। उस स्थिति में बहुमत का आंकड़ा 111 होगा। भाजपा को सत्ता में बने रहने के लिए कम से कम 6 सीटों की जरूरत होगी।

 

महाराष्ट्र में शिकस्त के बाद यह उपचुनाव भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है। वहीं, कांग्रेस के लिए खोई जमीन वापस पाने और जेडीएस के लिए किंगमेकर बनने का मौका है। कांग्रेस और जेडीएस ने विधासभा चुनाव अलग-अलग लड़ा था। इसके बाद गठबंधन सरकार में जेडीएस नेता कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने थे। उपचुनाव में भाजपा, कांग्रेस और जेडीएस ने अलग-अलग चुनाव लड़ा। इन 15 सीटों पर कुल 165 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे। इनमें 126 निर्दलीय और केवल 9 महिला प्रत्याशी हैं। कांग्रेस-जेडीएस के 15 में से 13 बागियों को भाजपा से टिकट भाजपा ने पार्टी में शामिल हुए 15 बागी विधायकों में से 13 को उपचुनाव में प्रत्याशी बनाया है। होसकोटे सीट पर शरथ बचेगौड़ा भाजपा से अलग होकर निर्दलीय चुनाव लड़े। यहां भाजपा ने कांग्रेस से आए पूर्व विधायक एमटीबी नागराज को टिकट दिया है। मैसूरु की हुंसुर सीट पर जेडीएस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एएच विश्वनाथ को उतारा है। यह सीट जेडीएस का गढ़ रही है।

 

इन सीटों पर वोटिंग हुई
अथानी, होसकोटे, हुंसुर, हिरकेरूर, कगवाड़, गोकक, येल्लापुर, रानिबेन्नूर, विजयनगर, चिकबल्लापुर, केआर पुरम, यशवंतपुर, महालक्ष्मी लेआउट, शिवाजी नगर, कृष्णराजपेट।

 

क्यों हुए 15 सीटों पर उपचुनाव

कांग्रेस और जेडीएस के 17 विधायकों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के फ्लोर टेस्ट से पहले इस्तीफा दे दिया था। तब के स्पीकर केआर रमेश कुमार ने इस्तीफा स्वीकार न करते हुए सभी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था, इसलिए 15 सीटों पर उपचुनाव हुए। दो सीटों मस्की और राजराजेश्वरी नगर पर कर्नाटक हाईकोर्ट में मामला लंबित है, इसलिए यहां चुनाव बाद में होंगे।

 

कर्नाटक में सीटों का गणित
कर्नाटक विधानसभा में कुल 224 सीटें हैं। 17 विधायकों को अयोग्य ठहराने के बाद विधानसभा सीटें 207 रह गईं। इस लिहाज से बहुमत के लिए 104 सीटों की जरूरत थी। भाजपा (105) ने एक निर्दलीय के समर्थन से सरकार बना ली। 15 सीटों पर उपचुनाव होने के बाद विधानसभा में 222 सीटें हो जाएंगी। उस स्थिति में बहुमत का आंकड़ा 111 होगा। भाजपा को सत्ता में बने रहने के लिए कम से कम 6 सीटों की जरूरत होगी।

 

कुल सीटें : 224 सीटें 
17 विधायकों को अयोग्य करार देने के बाद सीटें : 207
इसके बाद सरकार बनाने के लिए जरूरी : 104
भाजपा+ : 106
कांग्रेस : 66
जेडीएस : 34
बसपा : 1

 

उपचुनाव के बाद
15 सीटों पर चुनाव के बाद विधानसभा में सीटें : 222
तब बहुमत का आंकड़ा : 111
भाजपा को सत्ता में बने रहने के लिए जरूरी : 6 सीटें

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