सीएए पर चिदंबरम की पीएम मोदी को सलाह, पांच आलोचकों को चुनें और उनसे करें बहस
उन्होंने आगे कहा, 'प्रधानमंत्री लोगों का मुंह बंद कराने के लिए मंच से बात करते हैं और सवाल नहीं लेते हैं। हम मीडिया के जरिए बात करते हैं और मीडिया कर्मियों के सवालों का जवाब देने के लिए तैयार रहते हैं।' प्रधानमंत्री अपने आलोचकों से बात नहीं करते हैं और उन्हें उनसे बात करने का मौका भी नहीं मिलता है। कांग्रेस नेता ने कहा, 'इसका केवल एक ही रास्ता है कि प्रधानमंत्री खुद पांच मुखर आलोचकों को चुने और उनके साथ टेलीविजन पर सीएए को लेकर सवाल और जवाब का एक सत्र करें। लोगों को इस चर्चा को सुनने दें और सीएए पर अपने निष्कर्ष पर पहुंचने दें।' चिदंबरम का सुझाव ऐसे समय पर आया है जब कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को सीएए को भेदभावपूर्ण और विभाजनकारी कानून बताया है।
सोनिया गांधी का कहना है कि सीएए ऐसा पाप है जिसका मकसद धर्म के आधार पर लोगों को विभाजित करना है। उन्होंने जोर दिया कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) फॉर्म और कंटेंट गुप्त रूप से राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण (एनआरसी) का रूप है। इसी बीज आज कांग्रेस अध्यक्ष ने वाम मोर्चा सहित सभी विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है।