देश को नेताओं की नहीं नायकों की जरूरत, भारत महज धरती का टुकड़ा नहीं, एक ‘स्वभाव’ है : भागवत

Singh Anchala
नयी दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि भारत महज एक भौगोलिक भूमि का टुकड़ा नहीं है, बल्कि ये एक ‘स्वभाव (चरित्र/मिजाज)’ है। संघ प्रमुख ने चर्चा से दूर रहकर देश के भले में जुटे रहने वाले लोगों की सराहना की और कहा कि भारत को नेताओं की नहीं नायकों की आवश्यकता है। 

 
भागवत मध्य प्रदेश के गुना शहर में शुक्रवार को चालू हुए आरएसएस के तीन दिवसीय ‘युवा संकल्प शिविर’ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, भारत एक प्राचीन सभ्यता है। किसी को भी इस भुलावे में नहीं रहना चाहिए कि यह भौगोलिक तौर पर बाध्य है। भारत महज एक भौगोलिक भूमि का टुकड़ा नहीं बल्कि एक स्वभाव है और यह भावना हमेशा जिंदा रहेगी।

संघ प्रमुख ने कहा, कुछ लोग कभी आगे नहीं आते, लेकिन वे अपना जीवन देश के हित में बिताते हैं और नींव के पत्थर की तरह काम करते हैं। ऐसे लोगों के काम कोई नहीं जानता, लेकिन उनके कामों की बदौलत देश का नाम और प्रसिद्धि लगातार बढ़ती रहती है।

उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा, हमें ऐसे लोगों के दृष्टिकोण का पालन करने की कोशिश करनी चाहिए। हमारा व्यक्तित्व उनके जैसा होना चाहिए। हमारे देश को नायकों की जरूरत है, नेताओं की नहीं। आरएसएस के कम्युनिकेशन विंग विश्व संवाद केंद्र की तरफ से जारी बयान में भागवत के हवाले से कहा कि आज हर कोई आगे आने और नेता बनने का प्रयास करता है। लेकिन यह अच्छा नहीं है। 

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