चीन छिपा रहा सच, कोरोनावायरस से 564 नहीं 24,000 की हुई मौत !
ताइवान के समाचार पत्र 'ताइवान न्यूज' की रिपोर्ट के मुताबिक टेनसेंट की साइट पर महामारी हालात ट्रैकर नाम का एक आइकन था और एक फरवरी को इसमें दिख रहा था कि करीब साढ़े 24 हजार की मौत हो गई है। जबकि उस समय सरकारी आंकड़ा महज 304 लोगों का था। ऐसे में टेनसेंट की जानकारी पर भरोसा किया जाए तो सरकार के आंकड़ों से 80 गुना अधिक लोग इस बीमारी की वजह से मर चुके हैं। इतना ही नहीं संदिग्ध मामलों और बीमारी से ठीक हुए लोगों की संख्या में भी खासा अंतर देखने को मिला रहा है। टेनसेंट ने इसे लेकर फिलहाल कोई स्पष्टीकरण भी जारी नहीं किया है। कोडिंग की गड़बड़ी या फिर भंडाफोड़ सोशल मीडिया पर अटकलें तेज हैं कि कम्प्यूटर में कोडिंग की गड़बड़ी की वजह से टेनसेंट का यह असली डाटा ऑनलाइन लीक हो गया। कुछ अन्य लोगों का मानना है कि टेनसेंट में काम करने वाले किसी शख्स ने जानबूझकर असली डाटा लीक किया है ताकि दुनिया को वास्तविक हालात का पता चल सके। अस्पताल के कॉरिडोर में लोगों के शव बिखरे पड़े सोशल मीडिया में कुछ दिनों पहले एक वीडियो जारी हुआ था। इसमें दावा किया गया कि वह वुहान के एक अस्पताल का है। उसके कॉरिडोर में लोगों के शव बिखरे पड़े हुए हैं। उन्हें कोई पूछने वाला नहीं है। हालत यह है कि 10 दिनों से लगातार काम कर रहे एक युवा डॉक्टर की हॉर्ट अटैक से मौत हो गई है।