2 करोड़ घरों में सहजन के पौधे लगाएगी योगी सरकार, इसकी वजह बेहद है खास

Kumari Mausami

विशेषज्ञों के अनुसार उत्तम प्रतिरोधक क्षमता ही कोरोनावायरस से बचाव का उपाय है। इसी के मद्देनजर यूपी में योगी सरकार उन 2 करोड़ गरीब परिवारों में सहजन (मोरिंगा ओलीफेरा) के पौधे लगवाएगी जिन्हें स्वच्छ भारत ग्रामीण मिशन के तहत शौचालयों का लाभ मिला है। कोरोना वायरस से बचाव के लिए विशेषज्ञ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता का खास ख्याल रखने की सलाह दे रहे हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. पौधे पंचायती राज विभाग लगवाएगा जबकि उन्हें उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी वन विभाग को मिली है.

 

 

प्रदेश में जुलाई के पहले सप्ताह में 25 करोड़ पौधे रोपे जाने की तैयारियां चल रही हैं. कुपोषण से लड़ने में मददगार होने के चलते इस वृहद अभियान में सीएम योगी ने 2 करोड़ पौधे सहजन के लगाने के निर्देश दिए हैं. पंचायती राज विभाग प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत शौचालय के दो करोड़ लाभार्थियों के घर के बाहर यह पौधे लगवाएगा. इस संबंध में पंचायती राज निदेशक किंजल सिंह ने सभी पंचायत राज अधिकारियों को निर्देश जारी कर कहा है कि पौधे के लिए वन विभाग से समन्वय बना लें.

 

 

सीएम योगी ने सहजन के पौधे लगाने की शुरुआत पूर्वांचल में पिछले साल ही करा दी थी. कुपोषण से जूझ रहे मुसहरों और वनटांगियों के घरों पर सहजन के पौधे लगाए गए थे. प्रदेश में पहली बार गोरखपुर के 12 टीबी मरीजों पर मार्च 2019 सहजन का ट्रॉयल स्वास्थ्य विभाग ने किया था. स्वयंसेवी संस्था सेवा मार्ग और अक्षय योजना के प्रस्ताव को जिला टीबी फोरम की स्वीकृति के बाद टीबी मरीजों पर इसका ट्रॉयल हुआ था. सेवा मार्ग के निदेशक और न्यूट्रिशियन डॉ. हरिकृष्णा ने बताया कि टीवी मरीजों के 6 माह के कोर्स के साथ सहजन की पत्तियों का चूरा दिया गया. इससे न सिर्फ मरीजों के रिकवरी रेट में सुधार हुआ बल्कि डाट्स के दुष्प्रभाव भी कम दिखे.

 

आयुष मिशन के मिशन निदेशक राजकमल यादव बताते हैं कि आमतौर पर सहजन में सबसे ज्यादा उपयोग लोग फल का करते हैं. इसका उपयोग सब्जियों में होता है. फल से ज्यादा पौष्टिक पत्तियों में मिलता है. इसकी पत्तियों में संतरे से 7 गुना विटामिन, दूध से 3 गुना कैल्शियम, अंडे से 36 गुना मैग्निशियम, पालक से 24 गुना आयरन, केले से 3 गुना अधिक पोटैशियम मिलता है. इसके पत्ते में एंटी ऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं.

 

सहजन (मोरिंगा ओलीफेरा) के औषधीय गुणों को लेकर बंगलुरु यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी और हैदराबाद स्थित आर्डिनेंस फैक्ट्री के डिपार्टमेंट ऑफ केमिकल इंजीनियरिंग के 3 विशेषज्ञों ने इस पर 2 साल रिसर्च की. उनका शोध अंतर्राष्ट्रीय जर्नल साइंस डाइरेक्ट में प्रकाशित हुआ. गुजरात के भावनगर स्थित आरके कॉलेज ऑफ फार्मेसी के प्रो. तेजस गनात्रा की अगुआई में हुए शोध की रिपोर्ट इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फार्मेसी में प्रकाशित हुई. इस शोध के मुताबिक, सहजन की फली, फूल, पत्ती, छाल 300 से ज्यादा बीमारियों से बचाव करती है.

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