भारत-रूस साझेदारी पर किसी दबाव का असर नहीं होगा : लावरोव

Kumari Mausami
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, जो दो दिवसीय भारत यात्रा पर हैं, ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में हैदराबाद हाउस में विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बातचीत की। जयशंकर ने अपने उद्घाटन भाषण में यूक्रेन-रूस संघर्ष का जिक्र करते हुए कहा कि भारत वार्ता और कूटनीति के जरिए मतभेदों और विवादों को सुलझाने के पक्ष में है। विदेश मंत्री ने कहा, हमने अपने एजेंडे का विस्तार करके अपने सहयोग में विविधता लाई है। हमारी आज की बैठक महामारी के अलावा एक कठिन अंतरराष्ट्रीय वातावरण में हो रही है।
उन्होंने कहा, जैसा कि आप जानते हैं, भारत हमेशा बातचीत और कूटनीति के जरिए मतभेदों और विवादों को सुलझाने के पक्ष में रहा है। आज की हमारी बैठक में हमें समसामयिक मुद्दों और चिंताओं पर कुछ विस्तार से चर्चा करने का अवसर मिलेगा। अपनी ओर से लावरोव ने कहा कि भारत के साथ संबंधों को मजबूत करना रूसी विदेश नीति की प्रमुख प्राथमिकता रही है।
रूसी विदेश मंत्री ने आगे कहा कि अतीत में कई कठिन समय के दौरान भारत और रूस के बीच संबंध बहुत टिकाऊ थे और उन्हें निरंतर सहयोग के बारे में तनिक भी संदेह नहीं था। हम एक संतुलित विश्व व्यवस्था बनाने में रुचि रखते हैं जो इसे टिकाऊ बनाती है, उन्होंने कहा।  लावरोव ने आगे कहा कि भारत और रूस रणनीतिक साझेदारी विकसित कर रहे हैं और यह हमारी प्राथमिकता रही है। उन्होंने कहा, हम निश्चित रूप से विश्व व्यवस्था संतुलन में रुचि रखते हैं। हमने अपने द्विपक्षीय संदर्भ को तेज कर दिया है। हमारे राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को अपना सर्वश्रेष्ठ सम्मान भेजा है।

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