शीतकालीन सत्र में बीजू जनता दल उठा सकता है महिला आरक्षण विधेयक का मुद्दा
पात्रा ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, मरी पार्टी बीजद की ओर से मैंने मांग की कि शीतकालीन सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित किया जाए। सांसद ने कहा कि बीजद नेता और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और पार्टी महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध हैं। महिलाओं के लिए लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें आरक्षित करने वाला विधेयक 15वीं लोकसभा द्वारा पारित नहीं किया जा सका।
इससे पहले पिछले साल, राज्यसभा में टीएमसी संसदीय दल के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने भी महिला आरक्षण विधेयक की मांग उठाई थी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना की थी, जिसने 2014 के चुनावी घोषणा पत्र में उक्त विधेयक का वादा किया था।
महिला आरक्षण विधेयक को सबसे पहले 12 सितंबर, 1996 को एचडी देवेगौड़ा की संयुक्त मोर्चा सरकार द्वारा संसद में पेश किया गया था। इस विधेयक के अनुसार, सीटें रोटेशन के आधार पर आरक्षित होंगी। सीटों का निर्धारण लॉटरी द्वारा इस प्रकार किया जाएगा कि प्रत्येक लगातार तीन आम चुनावों में एक सीट केवल एक बार आरक्षित की जाएगी। इसके पुन: पेश होने के बाद, बिल को 9 मार्च, 2010 को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया था, लेकिन यह अभी भी लोकसभा में लंबित था।