दिल्ली की बिगड़ती वायु गुणवत्ता पर राजनीतिक तूफान

Raj Harsh
शनिवार को दिल्ली में धुंध की एक पतली परत छाई रही और वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 226 पर आ गया, जिसे 'खराब' श्रेणी में रखा गया। हालांकि, राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण ने राजनीतिक मोड़ ले लिया है, जिससे पार्टियों के बीच तीखी बहस छिड़ गई है। हवा की गुणवत्ता खराब होने पर कांग्रेस और भाजपा नेताओं ने इसे लेकर आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर हमला बोला।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, आनंद विहार और अक्षरधाम क्षेत्रों में सबसे खराब एक्यूआई 334 (बहुत खराब) दर्ज किया गया। इसके बाद एम्स में 253 और इंडिया गेट में 251 दर्ज किया गया। बढ़ते प्रदूषण स्तर के बीच यमुना नदी में जहरीला झाग भी तैरता हुआ देखा गया।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता के बिगड़ने पर आप सरकार पर निशाना साधते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, "दिल्ली एक तरह से गैस चैंबर बन गई है। लगातार बढ़ रहे वायु गुणवत्ता सूचकांक की वजह से सांस लेना मुश्किल हो गया है। यमुना नदी में झाग की मोटी परत जम गई है। हवा हो या पानी, सब प्रदूषित है। आम आदमी पार्टी की प्रदूषित राजनीति की वजह से। गोपाल राय सिर्फ़ मीटिंग में जा रहे हैं, सीएम भगवंत मान पंजाब में पराली जलाने के लिए किसी और को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं। पटाखों पर बैन लगा दिया है और उसका पैसा भ्रष्टाचार पर खर्च हो रहा है।"

कांग्रेस नेता अभिषेक दत्त ने भी दिल्ली में आप की प्रभावशीलता पर सवाल उठाते हुए कहा, "गोपाल राय और दिल्ली के सीएम ने पिछले 10 सालों में दिल्ली में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए क्या किया है? प्रशासन, शासन और वायु गुणवत्ता खराब हो गई है। आप नाटक कर रही है और दिल्ली की जनता आप और भाजपा के बीच झगड़े में पिस रही है।"

राष्ट्रीय राजधानी में खराब वायु गुणवत्ता को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच एक निवासी ने कहा, "दिल्ली का प्रदूषण बढ़ गया है और हमें सांस लेने में दिक्कत हो रही है। सरकार को इसे नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।"

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