महाराष्ट्र चुनाव: 2 मिनट लेट पहुंचे पूर्व मंत्री नहीं भर पाए पर्चा
मुस्लिम बहुल नागपुर सेंट्रल निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले तीन बार के विधायक अहमद ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और तुरंत मुंबई चले गए, जहाँ उन्होंने वीबीए अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर से मुलाकात की। अंबेडकर ने उनका वीबीए में स्वागत किया और उन्हें नागपुर सेंट्रल से चुनाव लड़ने के लिए एबी फॉर्म प्रदान किए।
अनीस अहमद ने कलेक्ट्रेट के बाहर हुए हाई-वोल्टेज ड्रामा क्रिएट किया। वह धरने पर बैठ गए और कई घंटों तक बैठे रहे। उन्होंने सवाल खड़े कर दिए कि क्या तीन बार के विधायक की समय की पाबंदी को देखते हुए, उन्होंने जानबूझकर मैदान से हटने का फैसला किया है? अनीस अहमद ने कहा, 'मेरा नामांकन रिटर्निंग ऑफिसर ने स्वीकार नहीं किया क्योंकि मैं दोपहर 3 बजे की समय सीमा से चूक गया था।'
नामांकन के लिए दरवाजे ठीक 3 बजे बंद कर दिए गए। अहमद रात 8 बजे तक रिटर्निंग ऑफिसर के शिविर में रहे, तथा अपना नामांकन स्वीकार करने का अनुरोध किया। उन्होंने अपने घायल घुटने का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने आकाशवाणी स्क्वायर से पुराने वीसीए स्टेडियम तक सड़क मार्ग से जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। उनके घुटने में चोट है इसके बावजूद वह इतनी दूर चलकर नामांकन के लिए पहुंचे।
अनीस अहमद ने कहा कि एनओसी, मंजूरी प्रमाण पत्र प्राप्त करने, राष्ट्रीयकृत बैंक खाते खोलने में दोपहर 2.30 बजे तक का समय लग गया। मुख्य प्रवेश द्वार पर पहुंचने के बावजूद, वाहनों के प्रतिबंधों के कारण मुझे घायल घुटने के साथ चलना पड़ा। अधिकारियों ने उनके समय-सीमा के बाद पहुंचने की पुष्टि की, तथा कहा कि बंद होने से कुछ मिनट पहले पहुंचने वाले उम्मीदवारों को समायोजित किया गया।
अनीस महाराष्ट्र में पांच हार के चुनावी अनुभवी है। इसके साथ वह दिल्ली, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के पूर्व प्रभारी सचिव रह चुके हैं। इस घटनाक्रम पर कई लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। अनीस अहमद के अनुभव को देखते हुए माना जा रहा है कि यह सब उनका चाल है। राजनेता के व्यवहारिक दृष्टिकोण और संगठनात्मक क्षमताओं को देखते हुए यह कदम उठाया गया।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि अब, वीबीए नागपुर सेंट्रल में प्रतिनिधित्व नहीं कर पाएगी, क्योंकि वह वैकल्पिक उम्मीदवार उतारने में विफल रही है। इससे अनजाने में कांग्रेस को फायदा होगा। यहां से वीबीए और एआईएमआईएम प्रत्याशी कांग्रेस के वोट काटता। ऐसे में अनीस अहमद ने वीबीए से टिकट और AIMIM से समर्थन लेकर नामांकन नहीं कराया। अब इसका सारा फायदा कांग्रेस को होगा। कहा जा रहा है कि दिग्गज नेता अनीस अहमद इतने भोले नहीं हैं कि आखिरी समय में बस चूक जाएं, लेकिन कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को संदेश देने के लिए यह एक चतुर राजनीतिक कदम था।