वाजपेयी जी के आवास में रहेंगे अमित शाह, चल रहा है मेंटेनेंस का काम
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में गृहमंत्री के पद पर आसीन होने वाले अमित शाह आजकल बेहद ही ज्यादा चर्चा में है। वहीं यह भी बता दें कि खबरें हैं कि अब अमित शाह को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का कृष्णमेनन मार्ग स्थित बंगला आवंटित किया जा सकता है। अटल बिहारी वाजपेयी साल 2004 में बने प्रधानमंत्री के पद से हटने के बाद इसमें रह रहे थें लेकिन पिछले साल अगस्त में जब उनका निधन हो गया तो नवंबर माह में उनके बंग्ले को खाली करा दिया गया। अब खबरें ये है बृहस्पतिवार को इसकी पुष्टि करते हुए बताया जा रहा है कि गृहमंत्री व शाह की सुरक्षा के अनुसार इस बंगले को अगले माह के लिए तैयार किया जा रहा है जिसके बाद से गृहमंत्री इस आवास में ही रहेंगे। वाजपेयी 14 साल तक इस बंगले में रहे। अमित शाह ने जब से गृहमंत्री का पद संभाला है तभी से हर किसी की नज़र गृह मंत्रालय पर टिकी है।
केन्द्रीय मंत्रियों को आवंटित होने वाले ‘टाइट 8’ की श्रेणी के इस बंगले में फिलहाल जरूरी सही करने का काम चल रहा है, वहीं नवगठित लोकसभा में शाह, गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र से बतौर सांसद भी निर्वाचित हुये हैं। बंगले पर तैनात कर्मचारियों ने बताया कि शाह स्वयं बंगले का मुआयना कर जरूरत के मुताबिक मरम्मत आदि के काम का जायजा ले चुके हैं। फिलहाल अमित शाह राज्यसभा सदस्य के रूप में, अकबर रोड स्थित 11 नंबर बंगले में रह रहे हैं। वह 19 अगस्त 2017 में राज्यसभा सदस्य बने थे।
जिसके बाद से उच्च सदन में उनका कार्यकाल 2023 तक ही था पर हुआ ये कि लोकसभा चुनाव में जीतने और मोदी सरकार में गृह मंत्री बनाये गये शाह को नया बंगला आवंटित किया गया है। साल 2000 में तत्कालीन वाजपेयी सरकार बनी ही राष्ट्रीय नेताओं के सरकारी आवास को उनके निधन के बाद स्मृति स्थल के रूप में घोषित करने पर रोक लगाने का फैसला किया था। वहीं इस फैसले को बरकरार रखते हुये मोदी सरकार ने अक्तूबर 2014 में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के 12, तुगलक रोड, स्थित बंगले को स्मृति स्थल घोषित करने की रालोद अध्यक्ष अजीत सिंह की मांग को खारिज कर दिया था।
बताते चलें कि सरकार ने जब फिर से मंत्रिमंडलीय समितियों में आवास संबंधी समिति में अमित शाह, बतौर गृह मंत्री सदस्य हैं। केन्द्रीय मंत्रियों एवं अन्य आला अधिकारियों को दिल्ली में सरकारी आवास मुहैया कराने से जुड़े अहम फैसले करने वाली इस समिति में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और रेल मंत्री पीयूष गोयल सदस्य हैं।