दुनिया छोड़ने से पहले रावण ने लक्ष्मण को बताई ये तीन खास बातें, जरूर जान लें आप

Kumar Gourav

रावण का इतिहास बर्बरता और बुराइयों से भरा हुआ है लेकिन सत्य यह है कि वह बहुत बड़ा विद्वान,एक सक्षम शासक और शिव भक्त था। रावण का जन्म महान ऋषि विश्रवा और उनकी पत्नी, दैत्य राजकुमारी कैकशी से हुआ था। रावण के दस सिर उसके छह शास्त्रों और चार वेदों के उनके ज्ञान को दर्शाते हैं। अपार ज्ञानी होने के बाद भी रावण ने बुराईओं का रास्ता चुना, रावण देवों पर हावी होने की कामना करता है जो उसके लिए काल बन गया। रावण के ज्ञान ने ही उसे घम्मंड और दुरव्ययहार में लिप्त कर दिया था, वह राख्षस योनि का होने के बाद भी देवों पर हावी होने की कामना रखता था।

 

आप भी जानिये रावण से जुडी ये बातें
महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखे गए ग्रन्थ रामायण के अनुसार, रावण की राम से प्रतिशोध लेने की इच्छा ही उसकी मृत्यु का कारण बनी। रावण अपनी बहन शूर्पनखा के अपमान और नाक काटने की घटना के लिए राम की पत्नी सीता का अपहरण करता है जो कि लंका में हुए युद्ध के शंखनाद की वजह बनती है। रावण ने पिता महर्षि विश्रवा से शिक्षा प्राप्त की फिर वेदों की विद्या जाने लेने के बाद उसने गोकर्ण पर्वत पर तपस्या की और ब्रह्मा से वरदान प्राप्त किया। रावण को ब्रह्मा से एक वरदान प्राप्त था जिसने उसे मनुष्यों को छोड़कर, ब्रह्मा की रचना के लिए अजेय बना दिया।

रावण का इतिहास भगवन राम से युद्ध होने के पहले से ही बुराइयों में विलिप्त था। रावण ने सारा ज्ञान लेने के बाद अपने सौतेले भाई कुबेर से लंका छीन ली थी और लंका का राजा बन गया था। रावण ने अपने दरबार में शुक्राचार्य को अपना पुजारी बनाया और उनसे अर्थ शास्त्र भी सीखा। राम ने भी एक बार रावण को “महा ब्राह्मण” के रूप में संबोधित किया था।

 

रामायण में भगवान राम और रावण के बीच हुए युद्ध का अंत क्या होता है ये तो सब ही जानते हैं, लेकिन हम आज आपको बताते हैं कि मरने से पहले रावण ने क्या किया था। रावण ने मरते समय लक्ष्मण को व्यवहार और नीति के विषय में ज्ञान की तीन बातें बताई थीं। भगवान् राम ने ही लक्ष्मण को आज्ञा दी थी कि वह रावण से राजनीती और व्यवहार की बातें रावण से सुने। इसपर लक्ष्मण रावण के सिरहाने जाकर खड़े हो गए लेकिन रावण कुछ नहीं बोले। भगवान राम ने लक्षम को पैरों जा के पास खड़े होने के लिए कहा क्यूँकि जिससे ज्ञान प्राप्त करना हो उसके चरणों के पास बैठना चाहिए।

 

रावण ने लक्ष्मण को बताई ये तीन बातें
1. कोई भी कार्य करने के लिए शुभ समय का इंतज़ार ना करो बल्कि उसे जितना शीघ्र हो सके संपूर्ण करो। आलस्य के कारण से कार्य को कल पे टालने वो अपूर्ण ही रह जाते है।
2. अपने प्रतिद्वंदी को कमज़ोर मत समझो क्यूंकि रावण ने यह भूल करके अपनी मृत्यु को करीब कर लिया था।
3. अपने किसी भी रहस्य को कभी खुलने मत दो, जब तक कोई रहस्य गुप्त रखा जा सके उसके लिए तत्पर रहना चाहिए। रावण के नाभि में अमृत है यह रहस्य खुल गया था जो उसके लिए काल बन गया।

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