Dhanteras 2019: जानें किस दिन की जाएगी धनतेरस पूजा, क्या है शुभ तिथि व मुहूर्त

Gourav Kumar
कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन, दिवाली लक्ष्मी पूजन के दो दिन पहले धनतेरस का पर्व मनाया जाता हैं। धनतेरस के दिन कुछ नई चीज खरीदना विशेषकर पीतल और चांदी के बर्तन खरीदने की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही हैं। शास्त्रो के मुताबिक इस दिन जो चीज शुभ मुहूर्त में खरीदी जाती हैं, उससे जीवन में सुख-समृद्धि और धन सम्पदा में वृद्धि होती हैं। ऐसे में आज हम आपको साल 2019 में मनाए जाने वाले धनतेरस पर्व की तिथि, शुभ मुहूर्त और इस दिन की जाने वाली पूजा विधि के बारे में बताएँगे।


तिथि व शुभ मुहूर्त
(1) इस साल धनतेरस का पर्व 25 अक्टूबर 2019, शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा।
(2) धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त 25 अक्टूबर 2019, शुक्रवार शाम 7 बजकर 8 मिनट से रात 8 बजकर 14 मिनट तक हैं।
(3) प्रदोष काल की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 39 मिनट से रात 8 बजकर 14 मिनट तक रहेगा, प्रदोष काल में दीपदान और लक्ष्मी पूजन करना शुभ माना जाता हैं।
(4) वृषभ काल की पूजा का शुभ समय शाम 6 बजकर 51 मिनट से रात 8 बजकर 47 मिनट तक हैं|
(5) त्रयोदशी की तिथि 25 अक्टूबर 2019, शुक्रवार को सुबह 7 बजकर 8 मिनट पर प्रम्भ होगी। वहीं त्रयोदशी की तिथि 26 अक्टूबर शाम 3 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी।



पूजन विधि
इस दिन संध्याकाल में की गयी पूजा बहुत लाभकारी होती हैं। पूजा करने के लिए पूजास्थल पर उत्तर दिशा की ओर भगवान कुबेर, धन्वन्तरी जी, माता लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश की मूर्तियाँ स्थापित कर ले और फिर इनकी विधिवत पूजा करे। शास्त्रो के मुताबिक पूजा में भगवान कुबेर को सफ़ेद रंग की मिठाई और धन्वन्तरी जी को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाना चाहिए।
 
धनतेरस यमदीप व पूजा विधि
इस दिन यमदेव की पूजा करने का विधान हैं| ऐसी मान्यता हैं कि यदि धनतेरस की शाम को यमदेव के नाम का दीपक जलाया जाये और उनकी पूजा की जाए तो व्यक्ति को उनके भय सेछूटकरा मिलता हैं। यमराज के पूजा के लिए आते का चौमुखी दीपक बनाकर दीप जलाया जाता हैं और इसे घर के दक्षिण दिशमेन मुख्य द्वारा के दाई ओर रखा जाता हैं| इसके साथ ही पूरी श्रद्धा के साथ उन्हें नमन करते हुये पूरे परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की जाती हैं।



धनतेरस पर बर्तन खरीदने का महत्व
पौराणिक कथाओं के मुताबिक कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुन्द्र मंथन किया गया, जिसमें से हाथों में अमृत से भरा कलश लेकर भगवान धन्वन्तरी प्रकट हुये थे और तभी से इस दिन बर्तन खरीदने की परंपरा चली आ रही हैं। इस दिन खास कर पीतल और चांदी के बर्तन खरीदना शुभ होता हैं, पीतल को भगवान धन्वन्तरी की धातु मानी जाती हैं, जो व्यक्ति को आरोग्य, सौभाग्य और स्वास्थ्य संबंधी लाभ प्रदान करती हैं।

Find Out More:

Related Articles: