अनिल कुंबले के बाद अगर कोई भारतीय स्पिन गेंदबाज है जिसने इस क्षेत्र में टीम को ऊँचाइयों पर पहुँचाया है और नए नए कीर्तिमान स्थापित किया है तो वो है आर.आश्विन. हालाँकि फिलहाल पिछले वर्ष दिसंबर के बाद पहला टेस्ट खेल रहे रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि पिछले दस महीने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर रहना उनके लिये इतना कठिन था कि उन्होंने खेल देखना ही छोड़ दिया था। जुलाई 2017 से भारत के लिए सिर्फ टेस्ट क्रिकेट खेल रहे अश्विन ने छह से 10 दिसंबर तक आस्ट्रेलिया के खिलाफ एडीलेड टेस्ट खेला था, उसके बाद से वह 11 में से एक भी टेस्ट के लिए भारतीय टीम में नहीं रहे।
उन्होंने कहा, 'क्रिकेट से दूर रहना मेरे लिए काफी कठिन था । मैने इसकी भरपाई हर तरह के मैच खेलकर की। मैने नाटिंघमशर में काउंटी क्रिकेट खेला और टीएनपीएल मैच भी खेले।' दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में पांच विकेट लेने वाले अश्विन ने कहा, 'हर बार जब भी मैं टीवी पर क्रिकेट देखता तो मुझे लगता कि मुझे खेलना है। मैं बाहर था और ऐसा अनुभव होना स्वाभाविक है। मैं सिर्फ खेलना चाहता था। हर किसी के कैरियर में यह दौर आता है लेकिन यह अंत नहीं है। मैने अपने जीवन में अलग अलग चीजें आजमाई।' फिटनेस मसलों के बारे में उन्होंने कहा, 'जहां तक चोट का सवाल है तो मेडिकल स्टाफ इसकी देखभाल के लिए है। मुझे अचानक ऐसा लगा कि मैं किसी भी प्रारूप में नहीं खेल रहा हूं। मैं लगातार 12 महीने खेल रहा था और कार्यभार बढने से ऐसा हुआ होगा। उन्होंने वापसी के बारे में कहा, 'मुझे वापसी की खुशी है। देश के लिए एक पारी में पांच विकेट लेने से बेहतर कुछ नहीं है। यह जगह मेरे लिये खास है लेकिन मैने नाटिंघम में भी पांच विकेट लिए। दोनों ही एक से बढकर एक हैं।'