बैडमिंटन प्लेयर ज्वाला गुट्टा का छलका दर्द, "लोग मुझे 'हाफ कोरोना' कहकर बुला रहे हैं"

Kumari Mausami

चीन से शुरु हुआ कोरोना वायरस अब पूरी दुनिया में अपने पैर पसार चुका है। वुहान के बाद अमेरिका और स्पेन के कई बड़े शहर इस महामारी के चलते तबाह हो चुके हैं। भारत में भी कोरोना के 4 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं और 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच देश की कई बड़ी हस्तियां इस महामारी के खिलाफ जंग में सरकार का साथ दे रही हैं और लोगों की मदद कर रही हैं। खेल जगत की भी कई बड़ी हस्तियां इस जंग में शामिल हैं। हालांकि बैडमिंटन स्टार ज्वाला गुट्टा को इस बीच अलग तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जहां दुनिया कोरोना से परेशान है वहीं ज्वाला गुट्टा लोगों की घटिया मानसिकता से तंग आ चुकी हैं। संकट के समय में लोग उन्हें हाफ कोरोना कहकर बुला रहे हैं, क्योंकी उनकी मां चीन से थी।

 

 

 


यह कोई पहला मौका नहीं है जब ज्वाला गुट्टा को इस परेशानी का सामना करना पड़ा हो। इससे पहले भी उन पर नस्लीय टिप्पणियां होती रही हैं। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में उन्होंने बताया कि किसी भी मुद्दे पर उनसे सहमत ना होने पर लोग उन्हें सोशल मीडिया पर भी चीन का माल, हाफ चीनी और चिंकी जैसे नामों से बुलाते हैं।

 

 

 


ज्वाला ने बताया कि जो लोग मुझे ट्रोल करते हैं वही मिलने पर सेल्फी की मांग करते हैं। ये लोग मुझे हाफ कोरोना कहने से पहले भूल जाते हैं कि भारत में मलेरिया और टीबी के मामले बहुत ज्यादा हैं। इन्हें कैसा लगेगा अगर विदेश में कोई इन्हें मलेरिया कहकर बुलाए। ज्वाला की मां को भी उनके ससुराल वालों ने कभी पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया। हालांकि उनकी मां ने कभी भी इस बात की शिकायत नहीं की।

 

 

 


ज्वाला ने बताया कि बचपन से ही उन पर इस तरह की टिप्पणियां होती रहती थी। तब उनको ये बातें समझ में नहीं आती थी। उन्हें लगता था कि उनका चेहरा बड़ा है इसलिए उनकी आंखें छोटी दिखती हैं। और उनका रंग भी बाकी लोगों की तुलना में साफ है, इसलिए उन्हें ऐसा कहा जाता है। 20 साल की होने के बाद उन्हें यह समझ आया कि इसमें नस्लीय भेदभाव भी शामिल है। उन्होंने देखा कि इस वजह से नॉर्थईस्ट के लोगों को भी हिंसा का सामना करना पड़ता है। बड़े शहरों में हालात जुदा नहीं हैं, वहां भी ऐसा होता रहता है।

 

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