रावण के उस तकनीक का पता लगाना चाहती है श्रीलंका सरकार, जिसके जरिए वह उड़ाता था पुष्पक विमान
हिंदू महाकाव्य रामायण में इस वक्त का जिक्र है कि रावण ने देवी सीता का हरण किया था उस वक्त वो श्रीलंका के राजा थे। हालांकि रावण सही में कौन थे इसे लेकर लोगों के मन में अभी भी कई सवाल तैरते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ लोग रावण को महान राजा और विद्वान बताते हैं। इसी वजह से श्रीलंका सरकार ने एक विज्ञापन जारी कर लोगों से रावण के बारे में कोई भी दस्तावेज साझा करने को कहा है। इसके पीछे का मकसद उस तकनीक का पता लगाना है जिसके द्वारा रावण ने उस वक्त उड़ान भरी थी।
श्रीलंका के पर्यटन और उड्डयन मंत्रालय द्वारा अखबार में एक विज्ञापन निकाला गया है। इस विज्ञापन में लोगों से अनुरोध किया गया है कि वो राजा रावण से संबंधित कोई भी दस्तावेज या किताबें साझा कर सकते हैं ताकि सरकार को पौराणिक राजा और खोई विरासत पर एक महत्वाकांक्षी, गहन शोध करने में मदद मिल सके।
श्रीलंका सरकार का मानना है कि रावण दुनिया का पहला विमान चालक था और उसने 5,000 साल पहले उड़ान भरी थी। देश के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने अब प्राचीन काल में उड़ान भरने के लिए उसके द्वारा इस्तेमाल किए गए तरीकों को समझने के लिए एक पहल शुरू की है।
पिछले साल नागरिक उड्डयन विशेषज्ञों, इतिहासकारों, पुरातत्वविदों, वैज्ञानिकों और भूवैज्ञानिकों का एक सम्मेलन कटुनायके में आयोजित किया गया था। ये वही जगह है जहां पर श्रीलंका का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बंदरानाइक स्थित है।
सम्मेलन में निष्कर्ष के तौर पर कहा गया था कि रावण ने 5,000 साल पहले श्रीलंका से भारत के लिए उड़ान भरी थी और वापस आ गया। हालांकि, कई लोगों ने इन कहानियों को खारिज कर दिया कि रावण ने भगवान राम की पत्नी सीता का अपहरण किया था। इसके पीछे उनका दावा था कि यह एक भारतीय संस्करण था और रावण एक महान राजा था।
श्रीलंका में प्राचीन लंका के राजा के बारे में लोगों की दिलचस्पी काफी बढ़ गई है। यहां तक कि कुछ वक्त पहले रावण नाम के उपग्रह को अंतरिक्ष मिशन में भेजा गया। श्रीलंका में लोगों का मानना है कि रावण एक दयालु राजा और विद्वान था। यहां तक कि कुछ भारतीय धर्मग्रंथ ने भी उन्हें "महा ब्राह्मण" बताया है। "महा ब्राह्मण" का मतलब है महान ब्राह्मण।